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Places of Worship Act: देश में धार्मिक स्थलों और स्मारकों पर चल रही बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक के बाद एक कई याचिकाएं दायर की जा रही हैं. कोशिश ये है कि प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट को खत्म किया जाए, जिससे तमाम धार्मिक स्थलों में दावों के मुताबिक बदलाव हो सकें. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं की झड़ी लग गई है. इसे लेकर 1 हफ्ते में चौथी याचिका दाखिल की गई है. इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है.
अब तक 7 याचिकाएं दायर
अब प्रख्यात कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर ने भी प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने याचिका दाखिल करते हुए कहा कि, ये कानून लोगों को धार्मिक अधिकार से वंचित करता है. इसीलिए इस कानून में बदलाव होना चाहिए, या इसे खत्म किया जाना चाहिए. इस मामले में अब तक कुल 7 याचिकाएं दायर हो चुकी हैं. इससे पहले ऐसी ही याचिकाएं अश्विनी उपाध्याय, सुब्रह्मण्यम स्वमी, जितेंद्रानंद सरस्वती भी डाल चुके हैं. 12 मार्च 2021 को वकील अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर नोटिस जारी हुआ था. अभी सरकार ने जवाब दाखिल नहीं किया है.
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