[ad_1]
PM Modi in Gujarat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुजरात के गांधीनगर में सहकार से समृद्धि कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि आज हम सहकार से समृद्धि की चर्चा कर रहे हैं. सहकार गांवों के स्वावलंबन का भी बहुत बड़ा माध्यम है. उसमें आत्मनिर्भर भारत की ऊर्जा है. आत्मनिर्भर भारत (Aatmanirbhar Bharat) के निर्माण के लिए गांवों का आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है. इसलिए पूज्य बापू और सरदार पटेल ने हमें जो रास्ता दिखाया, उसके अनुसार आज हम मॉडल कॉपरेटिव विलेज की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि आज आत्मनिर्भर कृषि के लिए देश पहले नैनो यूरिया लिक्विड प्लांट का उद्घाटन करते हुए मैं विशेष आनंद की अनुभूति करता हूं. अब यूरिया की एक बोरी की जितनी ताकत है, वो एक बोतल में समाहित है. नैनो यूरिया की करीब आधा लीटर बोतल, किसान की एक बोरी यूरिया की जरूरत को पूरा करेगी. 7-8 साल पहले तक हमारे यहां ज्यादातर यूरिया खेत में जाने के बजाए, कालाबाजारी का शिकार हो जाता था और किसान अपनी जरूरत के लिए लाठियां खाने को मजबूर हो जाता था. हमारे यहां बड़ी फैक्ट्रियां भी नई तकनीक के अभाव में बंद हो गई.
बताया किसानों के लिए क्या कर रही सरकार
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद हमने यूरिया की शत-प्रतिशत नीम कोटिंग का काम किया. इससे देश के किसानों को पर्याप्त यूरिया मिलना सुनिश्चित हुआ. साथ ही हमने यूपी, बिहार, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना में 5 बंद पड़े खाद कारखानों को फिर चालू करने का काम शुरु किया. भारत विदेशों से जो यूरिया मंगाता है इसमें यूरिया का 50 किलो का एक बैग 3,500 रुपये का पड़ता है, लेकिन देश में, किसान को वही यूरिया का बैग सिर्फ 300 रुपये का दिया जाता है. यानी यूरिया के एक बैग पर हमारी सरकार 3,200 रुपये का भार वहन करती है.
किसानों को कोई दिक्कत न हो, इसकी कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी ने ये भी कहा कि देश के किसान को दिक्कत न हो इसके लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल 1.60 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी फर्टिलाइजर में दी है. किसानों को मिलने वाली ये राहत इस साल 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने वाली है. उन्होंने कहा कि देश के किसान के हित में जो भी जरूरी हो, वो हम करते हैं, करेंगे और देश के किसानों की ताकत बढ़ाते रहेंगे.
आत्मनिर्भरता ही समस्याओं का हल
पीएम मोदी बोले पहले की सरकार में समस्याओं का सिर्फ तात्कालिक समाधान ही तलाशा गया. आगे वो समस्या न आए, इसके सीमित प्रयास ही किए गए बीते 8 वर्षों में हमने तात्कालिक उपाय भी किए हैं और समस्याओं के स्थायी समाधान भी खोजे हैं. आत्मनिर्भरता में भारत की अनेक मुश्किलों का हल है. आत्मनिर्भरता का एक बेहतरीन मॉडल, सहकार है. ये हमने गुजरात में बहुत सफलता के साथ अनुभव किया है और आप सभी साथी इस सफलता के सेनानी हैं.
ये भी पढ़ें- Karnataka Hijab Row: कर्नाटक में हिजाब को लेकर फिर मचा घमासान, CM बसवराज बोम्मई ने कही ये बात
[ad_2]